उफ़्फ़ दिसम्बर……!
हल्की हल्की गुलाबीसिहरती ठण्ड नेजैसे हीदिसम्बर के कंधे परअपना हाथ रखाकुछ कहानियाँ भी सिहर उठीबीते मौसम की। वो कहानियाँरोएँ रोएँ मेंरूमानी कर रही थी।सुबह के कोहरे में [...]
उस रोज़ दिवाली हो जाए जिस रोज़ तुम मिलने आ जाओ…।
तुम संग ख़ुशियों के मेले थे, वो दीप जले क्या गहरे थे।दीप की थाली थाम तभी, उजली आभा के चेहरे थे।ख़ुशियों को भरकर अंजुल में, तुम देहरी [...]
आँखे
तुम कहते हो आँख है ये,कुछ शब्द इसी पर लिख जाओ,लिखते लिखते शब्दों को,वो प्यार गहराता दिखता है|तुम जैसी चाहत हो तो,आँखों की गहरायी में,झीलों के हंसों [...]
मेरी प्यारी गुड़िया..॥
मेरी प्यारी गुड़ियाएक प्यारी सी मुस्कानघर की ख़ुशी की पहचानउस घर की पहचान बनेगीजिस घर से अनजान। [...]
प्रेमिका
एक नयी कविता लिखी है आप सभी के सम्मुख रख रहा हुँ। अच्छी लगे तो comment ज़रूर [...]
वो सावन याद दिलाता हूँ
सावन की शुरुआत है आज से इसलिए सावन पर एक कविता प्रस्तुत कर रहा हूँ। शीर्षक- वो [...]
शिक्षक दिवस पर एक कविता
शिक्षक दिवस है पर्व सुनहरा पुलकित हर्षित मन है मेरा। आपकी लेखनी से जीवन सुनहरा, वंदन करता [...]
शब्दों के आलिंगन पुस्तक का विमोचन
गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर 22/08/2020 को मेरी पुस्तक “शब्दों के आलिंगन“ का विमोचन माँ पापा [...]
भाई बहन के पावन पर्व पर एक कविता
भाई- बहन के पावन पर्व पर एक कविता । (यह कविता मैं अपनी बड़ी बहनो के चरणो [...]