उफ़्फ़ दिसम्बर……!

December 9th, 2021|0 Comments

हल्की हल्की गुलाबीसिहरती ठण्ड नेजैसे हीदिसम्बर के कंधे परअपना हाथ रखाकुछ कहानियाँ भी सिहर उठीबीते मौसम की। वो कहानियाँरोएँ रोएँ मेंरूमानी कर रही थी।सुबह के कोहरे में [...]

उस रोज़ दिवाली हो जाए जिस रोज़ तुम मिलने आ जाओ…।

November 3rd, 2021|0 Comments

तुम संग ख़ुशियों के मेले थे, वो दीप जले क्या गहरे थे।दीप की थाली थाम तभी, उजली आभा के चेहरे थे।ख़ुशियों को भरकर अंजुल में, तुम देहरी [...]

आँखे

October 4th, 2021|1 Comment

तुम कहते हो आँख है ये,कुछ शब्द इसी पर लिख जाओ,लिखते लिखते शब्दों को,वो प्यार गहराता दिखता है|तुम जैसी चाहत हो तो,आँखों की गहरायी में,झीलों के हंसों [...]

प्रेमिका

September 25th, 2021|0 Comments

एक नयी कविता लिखी है आप सभी के सम्मुख रख रहा हुँ। अच्छी लगे तो comment ज़रूर [...]