भाई- बहन के पावन पर्व पर एक कविता ।
(यह कविता मैं अपनी बड़ी बहनो के चरणो में रखता हूँ और आप सभी के सम्मुख रखता हूँ।)
कलई पर रेशम का धागा है,
बहन ने प्यार से बाँधा है।
यह भाई बहन का प्यार है,
आज राखी का त्योंहार है।
सावन की फुहार है,
मीठी सी तकरार है।
रक्षा का इक वादा है,
बड़े प्यार से बाँधा है।
कच्चे धागे से बँधते है
दिल के सच्चे रिश्ते हैं।
चन्दन की सुन्दर डोरी है,
माथे पर सुंदर टिका है।
सावन के मीठे झूले हैं,
रिश्तों के कितने मेले हैं।
बहना का सच्चा प्यार है,
भाई का राजदुलार है।
विश्वास का एक धागा है,
रक्षाबंधन पर बाँधा है।
रक्षाबंधन की बात अलग है,
पावन रिश्ते की पहचान अलग है।
नीरज “मनन”
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